भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) एक स्वतंत्र और स्वायत्त संगठन है, लेकिन इसके नेतृत्व में कुछ बड़े नेता राजनीतिक जड़ों से जुड़े हैं, जिससे संगठन को एक नया आयाम मिलता है। BCCI के कुछ महत्वपूर्ण पदों पर रहने वाले व्यक्तियों के परिवारिक संपर्क कैसे हैं और इसका क्या प्रभाव हो सकता है।
Political Connections|| राजनीतिक संबंध:
जय साह (अमित साह का बेटा): बीसीसीआई के नए अध्यक्ष जय साह का पिता अमित साह, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्य हैं। इससे सवाल उठता है कि क्या इसका राजनीतिक संबंध खेल में न्यायपूर्ण निर्णयों पर प्रभाव डाल सकता है।
राजीव शुक्ला (कांग्रेस के सदस्य): बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं, जिससे एक राजनीतिक दल का संलग्नता प्रकट होता है।
वैभव गहलोत (आशोक गहलोत का बेटा): राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत का पिता, आशोक गहलोत, कांग्रेस के नेता हैं। इससे संगठन की नेतृत्व प्रक्रिया पर सवाल उठता है।
रोहित पवार (शरद पवार का बेटा): महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष रोहित पवार का पिता, शरद पवार, कांग्रेस के सदस्य हैं और इससे संगठन की निष्ठा पर प्रश्न खड़े होते हैं।
Political Connections and Political Decisions || राजनीतिक संबंध और राजनीतिक निर्णय:
इसके अलावा, विभिन्न राज्यों में भी इसी तरह के राजनीतिक संबंध हैं, जैसे कि Bihar, West Bengal, Assam, जहां खेल के नेतृत्व का चयन राजनीतिक संबंधों के आधार पर किया जा रहा है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या ऐसा राजनीतिक परिवारिक संबंध सही है, जहां वे लोग जो कभी खेल में सक्रिय नहीं रहे हैं, वे निर्णय लेने में सक्षम हैं। ऐसा होने पर, भारतीय क्रिकेट को नुकसान हो सकता है जिससे उच्च स्तरीय प्रबंधन की कमी हो सकती है।
Conclusion:
इस लेख से स्पष्ट होता है कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड में राजनीतिक संबंधों का प्रभाव है और यह कैसे खेल की नीतियों और प्रबंधन पर असर डाल सकता है। खेल के नेतृत्व को अधिकांश खेल समुदाय के हित में होना चाहिए ताकि भारतीय क्रिकेट को और बेहतर बनाया जा सके।
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